आजादी क़े बाद संबिधान बना, क़ानून बना पर आम आदमी गरीब, उनके बच्चे कचड़ा बीन कर खाना खा रहे है!
उनको न्याय दिलाने क़े लिये, उनके ऐसा स्थिति क़े लिये लड़ने बाले, व्यवस्था करने बाले, सुरक्षा देने बाले भ्रष्टाचार कर पैसा जला रहे है!
क्या इसी दिन केलिए क्रन्तिकारी खुद क़ो कुर्बान हुए थे?
आजादी क़े बाद संबिधान बना, क़ानून बना पर आम आदमी गरीब, उनके बच्चे कचड़ा बीन कर खाना खा रहे है! उनको न्याय दिलाने क़े लिये, उनके ऐसा स्थिति क़े लिये लड़ने बाले, व्यवस्था करने बाले, सुरक्षा देने बाले भ्रष्टाचार कर पैसा जला रहे है! क्या इसी दिन केलिए क्रन्तिकारी खुद क़ो कुर्बान हुए थे?
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