द्वापर मे जब असुर शक्ति बढ़ गया था, कंस का जनता पर अत्याचार इतना बढ़ गया की भगवान विष्णु को खुद प्रकट होना पड़ा!
देवकी जो कंस की सहोदार बहन थी, जिनका शादी बासुदेव जी से हुई, शादी के बाद कंस बहन को छोड़ने जा रहा था की एक आकाशवाणी होता हैं की अरे मुर्ख कस तुम्हारी बहन के गर्भ से जन्म लेने बाला 8 वां पुत्र ही तुम्हारा काल बनेगा, ऐसा सुनते ही कंस बहन और बहनोई को करागार मे बंद कर देता हैं और एक एक कर के 7 बच्चों का मार देता हैं!
देवकी के 8 वे पुत्र के रूप मे जैसे ही भगवान का अगवान होता हैं, जेल का दरवाजा खुद खुल जाता हैं, यमुना दोनों कोर बहती रहती हैं फिर भी वासुदेव कान्हा को नन्द जी के घर रख कर उसी दिन जन्मी बालिका को लेकर लौट कर कारागार मे पहुंच जाते हैं।
जैसे ही बचे के रोने का आवाज़ सुनाई पड़ता हैं कंस को सुचना होता हैं, कंस बच्चे को छीन कर मारना चाहता हैं की बच्चे गायब हों जाति हैं और कहती हैं की तुम्हे मारने बाला पैदा ले लिया हैं जिसके बाद कान्हा को खोजने, मारने का अनेको प्रयास करता हैं पर सफल नहीं होता और बाल काल मे ही कंस का बध कर मथुरा और अपने माता पिता को आजाद कराते हैँ!