मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, न्यापालिका, अधिकारी छोड़िये कोइ राजा भी हो उसको राज्य के संबिधान के अनुसार चलना होता हैँ, संबिधान के अनुसार इस्लामिक राजा, अंग्रेजों ने भारतीयों के साथ व्यवहार नहीं किया कारण वे क्रूर थे!
खुद क़ो तथाकथित विद्वान समझने बाले समझ लें भारतीय हिंदू अपने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से बिल्कुल यह नहीं चाहते कि मेरा पक्ष लें और किसी धर्म क़ो अपमानित करे या उनके साथ अन्याय करे बल्कि हम चाहते हैँ कि मेरे साथ संबिधान के अनुसार न्याय करे! हम जब शिवा ज़ी महाराज के हिंदुत्व क़ो फ़ॉलो करने कि बात करते हैँ त सिर्फ मुगलों के साथ उनके आक्रमक लड़ाई और देशभक्त क़ो नहीं स्वीकारते बल्कि उनके राज्य मे रहने बले आम मुस्लिम आवादी का सम्मान और कार्य क़ो भी स्वीकारते हैँ!
छत्रपति शिवाजी महाराज मुगलो के खिलाफ जब लोहा ले रहे थे उस समय भी उनके सेना मे कई मुस्लिम योद्धा जैसे
बाहिरजी नाइक – प्रमुख सैन्य नेता जिन्होंने मराठा साम्राज्य की तटीय विजय में अहम भूमिका निभाई
सिद्दी इब्राहीम – शिवाजी के सेनापतियों में से एक
सिद्दी जौहर – शिवाजी की नौसेना के प्रमुख एडमिरल
सिद्दी संबल – शिवाजी की नौसेना के कमांडर
मौलाना हैदर अली – गुप्तचर मामलों के सचिव
इब्राहिम खान – तोपखाने के कमांडर रहे तो
शिवाजी ने मुस्लिम श्रद्धालुओं के लिए मस्जिद बनवाई थी,
शिवाजी ने हज़रत बाबा याकूत थोरवाले को उम्र भर पेंशन देने का आदेश दिया था,
शिवाजी ने गुजरात के सूरत में हमले पर फ़ादर एंब्रोज़ की मदद की थी।
शिवाजी ने काजियों को नियुक्त किया था और उनसे सलाह लेकर अपने राज्य की मस्जिदों में रोशनी की व्यवस्था करवाई थी।
हिंदू क़ो अपने राजा से न्याय चाहिए न कि हम तुष्टिकरण चाहते हैँ जिसके खिलाफ हम 1000 साल से लड़ते रहे हैँ!
नरेन्द्र मोदी संबिधान, धर्म और न्याय के संरक्षक – शेखर
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