किस्सा गोई लोहिया ने कहा, लोग 3 आना रोज पर जीते हैं, नेहरू का कुत्ता 3 रुपये पर
राम मनोहर लोहिया 1962 में फूलपुर सीट पर प्रधानमंत्री डॉ. डा. जवाहरलाल नेहरू को कड़ी टक्कर देकर और 43 मतदान बूथों पर उनसे अधिक वोट पाकर हार चुके थे। लेकिन 1963 में फर्रुखाबाद उपचुनाव में जीत हासिल करके लोकसभा यह 21 अगस्त 1963 को दिए अपने भाषण में उन्होंने सरकार पर तथ्यों के साथ बोलते हुए प्रभावी मंत्र की आड़े हाथों लिया। उनसे एक रोज कृषिमंत्री के भाषण के संदर्भ में कहा कि सरकार ने अनाज उत्पादन बढ़ने की बात कही है। कितना बताया। फिर खुद आंकड़े देकर बताया कि यह छह करोड़ से आठ करोड़ टन हुआ है, लेकिन बढ़ती आबादी के अनुपात में इसे 16 करोड़ टन होना चाहिए था। नागरिकों की स्थिति पर कहा कि योजना आयोग के अनुसार देश के 60 प्रतिशत लोग, जो आबादी का 27 करोड़ हैं, 3 आना प्रति दिन पर जीवनयापन कर रहे हैं। एक खेतिहर मजदूर दिनभर में 12 आने कमाता है, शिक्षक दो रुपये कमा पाता है, लेकिन कुछ कारोबारी रोजाना तीन लाख रुपये तक कमा रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नेहरू के कुत्ते पर प्रति दिन तीन रुपये का खर्च निर्धारित है। खुद प्रधानमंत्री पर हर रोजाना 25 से 30 हजार रुपया खर्च होता है। लोहिया ने कहा कि उनकी प्रधानमंत्री के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है, लेकिन उनकी देखादेखी देश के 50 लाख लोग वैसी ही जीवन शैली अपना रहे हैं। 15 हजार करोड़ रुपये की सकल राष्ट्रीय आय का पांच हजार करोड़ वहां खर्च हो रहा है, बाकी 43.5 करोड़ नागरिक बचे हुए 10 हजार करोड़ में जीवन यापन कर रहे हैं। लोहिया ने इस विषमता को देश के विकट हालात की वजह बताया।