Possibility of severe drought in South Bihar -दक्षिण बिहार में भीषण सूखा के आसार,
मौसम बदलते ही बिभाग ने सब को सचेत करना सुरु कर दिया है , अभी मौसम की गतिविधियों को देखने पर ऐसा लग रहा है मानो दक्षिण बिहार में भीषण सूखा पड़ सकता है ।
इधर 2024 लोक सभा चुनाव का माहौल बन रहा है और उधर मौसम बिभाग पुरे सतर्क की स्तिथि में है . मौसम बिभाग की माने तो दक्षिण बिहार में भीषण सुखा पड़ने की सम्भावना प्रतीत हो रहा है
आखिर क्या कारण है सूखा (Drought) का
ऐसा माना जाता है कि बिहार के दकसीं बिहार का इलाका कई दशक से लगातार सूखे के चपेट में आ रहा है , बिहार में सुखा पड़ने के कई कारण हैं।
1) पहला कारण है अपर्याप्त वर्षा का जल जो समय पर वर्षा नही होने उत्पन्न होती है , जो खेती में नुकसान पहुंचाती है।
2) दूसरा कारण है बारिश की अनियमितता और अधिकतम वर्षा का क्षेत्र वितरण , जो सरसो, मक्का आदि की खेती में समस्या उत्पन्न करती है।
3)तीसरा कारण है अधिक बढ़ती जनसंख्य जिससे जल संरक्षण का अभाव और जल का दुरुपयोग होना ।
4) पानी की स्थिति में असंतुलन, बाढ़, और वायु प्रदूषण भी बिहार में सुखा के कारणों में शामिल हैं।
Drought – सूखा से क्या नुकसान होता है ।
- सबसे प्रमुख कारण कृषि के पैदावार में बहुत बड़ी कमी आती है ।
- पशुधन की दर में कमी देखने को मिलती है ।
- पौधों में बीमारी की बढ़ोतरी ।
- फसलों का नुकसान ,
- हवाओ का क्षरण
Drought – सूखा से बचने का क्या उपाय करना चाहिए
सूखा या आकाल से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय को करना चहिये
- सबसे पहले ज्यादा से ज्यादा संख्या में वृक्षारोपण करना चाहिए ।
- सिचाई के साधनों का भरपूर विस्तार होना चाहिए ।
- सभी के द्वारा जल संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए ।
- जल संसाधनों को बचाना चाहिए ।
- जल स्रोतों का विकास होना चाहिए ।
- वर्षा जल का संचय किया जाना चाहिए ।
भारत के सूखा Drought प्रभावित क्षेत्र
बिहार में देखा जाय तो दक्षिण बिहार के लगभग सभी जिले सूखा प्रभावित क्षेत्र में आता है जिनमे गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, , नवादा,शेखपुरा, मुंगेर, भागलपुर , लखीसराय, बांका, जमुई और नालंदा शामिल है ।
उपर्युक्त दर्शाए गए सभी जिले के यदि पुराने रिकॉर्ड देखे तो ऐसा प्रतीत होता है की लगभग कई दसको से इन इलाको में किसानो को भरी सुखा का सामना करना पद रहहि .
कृषि से सम्बंधित और भी जानकारी पाने के लिए आप अप इसे नही पढ़ सकते है Agriculture Insurance ( फसल बिमा )
5 लाख तक का स्वस्थ्य बिमा बिलकुल free में आपके दरवाजे पर . कैसे मिलेगा लाभ
Conclusion – बिहार में सभी पहलुओं को यदि धयान से देखे तो एस अमलुम पड़ता है की इतने सारे सिचाई की परियोजना होने के बाद भी आज तक बिहार में सुखा और बाढ़ की हालत ज्यो की त्यों बनी हुई है , बहुत कुछ बदला है फिर भी आज हम हथिया नक्षत्र के भरोसे बैठे रहते है . जन संख्या की लगातार वृद्धि से लोगो जल का दुरूपयोग भी इसके कम जिम्मेदार नहीं है वर्षा जल का संचयन से सम्बंधित बड़ी बड़ी योजनाये लागु होने के बाद भी आज तक एक भी गाँव वर्षा जल को पूर्ण रूप से सरक्षण करने में सफल हुआ है .
लगातार जल संसाधनों का गलत तरीके से दोहन और जल का दुरूपयोग हो रहा है जिससे लोगो को बचना चाहिए और जल को कम से कम नस्ट करना चाहिए . कृषि बिभाग के द्वारा लगातार किसानो को निर्देश और प्रसिक्षण दिया जाता है ताकि समय आने पर सिचाई के संसाधनों को सही से उपयोग कर सके और उत्पादकता को बढाया जा सके .
सिचाई के संसाधनों के विकास के बिना किसी भी जिले के सुखा ग्रस्त इलाके से निजत पाना असंभव प्रतीत होता है . अतः लोगो को सरकार के साथ मिलकर सिचाई के संसाधन और पिने योग्य जल के संसाधन का पूर्ण रूप से विकास करने की आवस्यकता है .