#राष्ट्रीय_स्वमं_सेवक_संघ_को_मेरे_अनुभव_से_समझें !
तब मैं 8 वीं में पढ़ता था गांव से जहानाबाद आगे की पढ़ाई के लिए शहर आया था।
मेरे पापा कांग्रेसी थे ,शहर में संघ की शाखा लगता था उसके स्वयं सेवक घर घर जा कर लोगों को शाखा आने के लिए कहते थे । उसी क्रम में एक दिन मेरे यहाँ भी आये और पापा के हथे चढ़ गए पापा बैठना तो दूर उन लोगों को दरवाजे से भगा दिया पर उन लोगों ने हार नही माना और घर के बाहर मुझ से सम्पर्क किया।
मुझे बताया आप आओ सुबह 6 बजे से शाम तक संगम पर शाखा लगता है वहाँ हमलोग गीत गाते है ,खेलते है और वर्जिश करते है आप का पढ़ने का समय भी जाया न होगा और स्वस्थ भी रहोगे ।
पापा को सुबह 8 बजे सो कर जागने का आदत था सो मैं उनके बिना परमिशन के शाखा जाना शुरू किया।
जहां ध्वज #प्रणाम_सूर्य_नमस्कार_खेल_बौद्धिक_गीत_परिचय_और_प्रार्थना के बाद शाखा का एक घंटे का समय कब निकल गया पता नही चला पर मैं चुकी नया था तो उत्सुकता बस पूछा ये
#भगवा_ध्वज – संघ परम पवित्र भगवा ध्वज को ही अपना गुरु माना है। संघ का मानना है कि व्यक्ति में दोष आ सकता है सो स्वमसेवक को व्यक्ति पूजा से दूर रहना चाहिए , इसका ही वंदन होता है और इसी ध्वज को साक्षी मानकर सारे कार्यकर्ता राष्ट्रसेवा, जनसेवा की शपथ लेते हैं,और उनको समझाया जाता है कि राष्ट्राध्वज तिरंगा के जैसे ही धर्म का ध्वज है सो भगवा ध्वज का सम्मान करे पूर्व में श्रीराम ,श्रीकृष्ण,चंद्रगुप्त मौर्य,शिवाजी,महाराणा प्रताप धर्म और देश केलिए संघर्ष इसी ध्वज के नीचे किये थे ।
#सूर्य_नमस्कार- सूर्य को आदि देव माना गया है इस लिए ध्वज प्रणाम के बाद सूर्य आराधना
1-ॐ मित्राय नमः।
2-ॐ रवये नमः।
3-ॐ सूर्याय नमः।
4-ॐ भानवे नमः।
5-ॐ खगाय नमः।
6-ॐ पूष्णे नमः।
7-ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
8-ॐ मरीचये नमः।
9-ॐ आदित्याय नमः।
10-ॐ सवित्रे नमः।
11-ॐ अर्काय नमः।
12-ॐ भास्कराय नमः।
13-ॐ श्री सवितृसूर्यनारायणाय
आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥ अर्थात -जो व्यक्ति नित्य-प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु में, प्रज्ञा में, बल में, वीर्य (वीरता) में तथा उनके तेज में वृद्धि होती है।
#खेल – वैसे जो संगठन शक्ति,समरसता,समानता का ज्ञान दे जैसे भस्मासुर , गणेश छू , आंखों पर पट्टी बांधकर छूना , चरण छू , बैठी कबड्डी , दंड खींचना,लंबी कूद , कबड्डी , खो – खो , लंगड़े की दौड़,नेताजी की खोज , महापुरुषों की श्रृंखला आदि।
#बौद्धिक-
खुद को बड़ा दिखाने की भूल नहीं करें
एककिसान कपास की खेती करता था। इंद्र का हाथी ऐरावत फसल देख स्वर्ग से नीचे आया और कुछ हिस्सा खाकर चला गया। साथियों के साथ किसान ने रखवाली शुरू की। फिर ऐरावत आए तो सब दौड़े। ऐरावत स्वर्ग जाने लगे तो किसान ने पूंछ पकड़ी, बाकी साथी उसे पकड़ लटक गए। ऐरावत ने किसान से पूछा- कितनी फसल होती है। किसान ने कहा, बहुत। ऐरावत ने फिर पूछा- कितनी? अधिक फसल बताने के लिए किसान ने हाथ फैलाया। पूंछ छूट गई। साथियों संग किसान नीचे गिर पड़ा।
#गीत-आज हिमालय की चोटी से , भगवा ध्वज लहराएगा।
जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बन जाएगा। । २
इस झंडे की महिमा देखो , रंगत अजब निराली है।
इस पर तो ईश्वर ने डाली सूर्योदय की लाली है।
प्रखर अग्नि में इसकी पड़ ,शत्रु स्वाहा हो जायेगा। ।
इस झंडे को चंद्र गुप्त ने हिन्दू – कुश पर फहराया।
मरहटों ने मुगल-तख्त को चूर -चूर का दिखलाया।
मिटटी में मिल जायेगा जो , इसको अकड़ दिखायेगा। ।
इस झंडे की खतिर देखो प्राण दिए रानी झाँसी।
हमको भी यह व्रत लेना है , सूली हो या फांसी।
बच्चा – बच्चा वीर बनेगा , अपना रक्त बहायेगा। ।
जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बनाएगा। ।
आज हिमालय की चोटी से , भगवा ध्वज लहराएगा।
जाग उठे हम हिन्दू फिर से , भारत स्वर्ग बनजाएगा। । २
#परिचय – चुकी संघ जातिवादी व्यवस्था में नही बल्कि कर्म व्यवस्था में विश्वस करती है अतः शाखा के परिचय में आपको अपना सरनाम बताना नही होता है।
#प्रार्थना-नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते।।१।।
प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता
इमे सादरं त्वां नमामो वयम्
त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयं
शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये।
अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिं
सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं
स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत्।।२।।
समुत्कर्षनिःश्रेयस्यैकमुग्रं
परं साधनं नाम वीरव्रतम्
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा
हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्रानिशम्।
विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्
विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्।
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं
समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्।।३।।
भारत माता की जय।।
इस तरह से मैं और मेरे जैसे करोड़ो लोग एक संघी बन गया ,हिन्दू बन गया सेकुलरिज्म मतलब तुस्टीकरण है तो मै सेकुलर नही हिन्दू हूँ और अब
#मुझे_मेरे देश मे एक देश एक प्रधान एक निशान चाहिए था ।
#मुझे_कश्मीर के हिन्दुओ के लिए इंसाफ चाहिए था।
#मुझे_श्रीराम केलिए भव्यमन्दिर चाहिए था।
#मुझे_काशी विश्वनाथ का बैभव और मथुरा का कृष्ण भूमि आजाद चाहिए था।
#मुझे_भारत की गद्दी पर बैठने के लिए कोई संघी चाहिए था।
#मुझे_ठग नही कड़ा फैसला ले कर पटरी पर देश को लाने बाला ईमानदार चाहिए था
धन्यवाद 🙏
देश के हर गांव का कोई मुकेश भारद्वाज,#मुकेश_भारद्वाज #प्रोफेसर_रामध्यान_शर्मा #प्रोफेसर_उमेश_शर्मा #प्रोफेसर_नरेंद्र_सिंह #धर्मदेव_दास #रितेश_कुमार #रितेश_रंजन #अशोक_गुप्ता #राजकुमार_गुप्ता #Amod_Kumar #Rakesh Kumar #प्रेम प्रकाश #राजेश_पांडे #ओमप्रकाश #बामेश्वर बाबू,#मुरारी जी ,#अजित शर्मा, और ऐसे छोटे छोटे गिलहरी जिसको कोई जाना भी नही संघ से जुड़ गए और भारत मे भगवा के अलावा सभी बिकल्प समाप्त हो गया!
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ क़ो ज्योति शेखर के अनुभव से समझें
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